ॐ अन्नात्परिस्रुतेति मन्त्रस्य प्रजापति ऋषिः
अनुष्टुप्छन्दः शुक्रो देवता शुक्र प्रीत्यर्थे जपे विनियोगः ।।
दैत्याचार्य भार्गवाय नमः
प्रविश्य जठरे शम्भोर्निषक्रान्तः पुनरेव यः ।
ॐ अन्नात्परिस्रुतो रसं ब्रह्मणा व्यपिबत्क्षत्रं पयः सोमं प्रजापतिः ।
ऋतेन सत्यमिन्द्रियंविपान ँ शुक्रमन्धस इन्द्रस्येन्द्रियमिदंपयोऽमृतं
मधु ।।
हिमकुन्दमृणालाभं दैत्यानां परमं गुरुम् ।
सर्वशास्त्रप्रवक्तारं
शुक्रमावाहयाम्यहम् ।।
ॐ भूर्भुवःस्वः भोजकटदेशोद्भव भार्गवगोत्र शुक्लवर्ण भो
शुक्र ! इहागच्छ, इह तिष्ठ ॐ शुक्राय नमः, शुक्रमावाहयामि स्थापयामि
।
भृगुवंशजाताय विद्महे श्वेतवाहनाय धीमहि तन्नः कवि प्रचोदयात ।
ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः १६०००
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रुद्राभिषेक इत्यादि स्वयं के लिए अथवा अपने प्रियजनों के लिए करवाने के लिए
निम्नलिखित जानकारी दें ।
(यदि आप स्वयं उपस्थित हो सकें तो अधिक उत्तम है ।
यदि किसी कारण स्वयं उपस्थित न हो सके
तो निम्नलिखित जानकारी दें ।)
1, आपका पता - मकान न०,
गली न०, मोहल्ला,शहर, ज़िला, राज्य
आदि । (आपको प्रसाद इसी पते पर भिजवाया जाएगा)
2, आपका गोत्र ।
3, आपका नाम तथा आपके परिवार के अन्य सदस्यों के नाम ।
4, आपका whatsapp नम्बर ।
5, आपकी जन्म कुंडली या जन्म समय, जन्म
तारीख, जन्म स्थान ।
6, आपकी फोटो ।
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