Sunday, April 12, 2020

मन्दिरों पर नकारात्मक टिप्पणी करने वाले इन प्रश्नों का उत्तर दें।


1. तुम महीने में मन्दिर कितनी बार जाते हो?
उत्तर: 1, 2 या 0
Then you have no right to comment on temples.

2. तुम महीने में मदिरालय कितनी बार जाते हो?
उत्तर: 15 बार या उस से ज्यादा

इन 4 महिलाओं का हर हाल में सम्मान करना चाहिए ।


तुलसीदासजी द्वारा रचित रामचरित मानस नीति-शिक्षा का एक महत्मपूर्ण ग्रंथ है। इसमें बताई गई कई बातें और नीतियां मनुष्य के लिए बहुत उपयोगी मानी जाती हैं। जिनका पालन करके मनुष्य कई दुखों और परेशानियों से बच सकता है।

रामचरित मानस में चार ऐसी महिलाओं के बारे में बताया गया है, जिनका सम्मान हर हाल में करना ही चाहिए। इन चार का अपमान करने वाले या इन पर बुरी नजर डालने वाले मनुष्य महापापी होते हैं। ऐसे मनुष्य की जीवनभर किसी न किसी तरह से दुख भोगने पड़ते ही है।

"अनुज बधू भगिनी सुत नारी, सुनु सठ कन्या सम ए चारी ।

वेद में मूर्ति पूजा के प्रमाण !



वेदों में ईश्वर उपासना दो रूपों में प्रचलित है साकार तथा निराकार। निराकारवादी प्रायः साकार उपासना या मूर्ति पूजा का विरोध करते है तथा केवल निराकारोपासनापरक 'न तस्य प्रतिमा अस्ति' आदि वचनों को उद्धृत करके ही एकतरफा निर्णय करके संतुष्ट हो जाते हैं पर वे यह भूल जाते है कि ऋषि मनीषियों ने दोनोँ उपासना पद्धतियों का निर्माण मनुष्य के बौद्धिक स्तर की अनुकूलता के अनुरूप किया है। 

पांच वस्तु ऐसी हे ,जो अपवित्र होते हुए भी पवित्र है....



 उच्छिष्टं शिवनिर्माल्यं
                                वमनं शवकर्पटम् ।
  काकविष्टा ते पञ्चैते
                         पवित्राति मनोहरा॥ 

1. उच्छिष्ट -  गाय का दूध : -  
       गाय का दूध पहले उसका बछडा

आरती एवं स्तोत्र विशेष



आरती को आरात्रिक , आरार्तिक अथवा नीराजन भी कहते हैं। पूजा के अंत में आरती की जाती है। जो त्रुटि पूजन में रह जाती है वह आरती में पूरी हो जाती है। 

स्कन्द पुराण में कहा गया है

"मन्त्रहीनं क्रियाहीनं यत् कृतं पूजनं हरे:।
सर्वं सम्पूर्णतामेति कृते निराजने शिवे।।"

धरती पर मृतक के समान हैं ये चौदह प्रकार के लोग



गोस्वामी तुलसीदास कृत महाकाव्य श्रीरामचरितमानस के लंकाकांड में बालि पुत्र अंगद रावण की सभा में रावण को सीख देते हुए बताते हैं कि कौन-से ऐसे 14 दुर्गुण है जिसके होने से मनुष्य मृतक के समान माना जाता है। हो सकता है कि आप भी इन 14 प्रकार के लोगों में से कोई एक हों।

आओ जानते हैं कि इस चौपाई में ऐसे कौन-से 14 दुर्गुण बताए गए हैं

Friday, April 10, 2020

पञ्चांग परिचय (तिथि, वार, नक्षत्र, करण, योग)


।। श्री गणेशाय नमः ।।
"तिथि वारं च नक्षत्रं योगं करणमेव च ।
पञ्चान्गस्य फलं श्रुत्वा गंगा स्नानं फलं लभेत् ।"

"यथा शिखा मयूराणाम नागानां मणयो यथा 
तद्व्वेदांग शास्त्राणाम ज्योतिषां मूर्ध्निस्थितां ।"
  

Sunday, April 5, 2020

अधिदेवता, प्रत्यधि देवता, पञ्चलोकपाल देवता

अधिदेवता
ईश्वर ( सूर्य के दायें भाग मे )
ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ।।

उमा  ( चन्द्रमा के दायें भाग मे )
ॐ श्रीश्च ते लक्ष्मीश्च पत्न्यावहोरात्रे पार्श्वे नक्षत्राणि रूपमश्विनौ व्यात्तम् इष्णन्निषाणामुं म ईशाण सर्वलोकं म ईशाण