देवाधीनं जगत्सर्वा मन्त्राधीनं
च देवता ।
नमो ब्रह्मण्य देवाय गौ ब्राह्मण हिताय च ।
जगद्विताय कृष्णाय गोविन्दाय नमो नमः ।।
ब्रह्मयोनि चतुर्मूर्ति वेदव्यास पितामहः ।
आयान्तु ब्रह्मलोकानां तस्मै श्री ब्रह्मणे नमः ।।
-- पुराणों में कहा गया है -
विप्राणां यत्र पूज्यंते रमन्ते तत्र देवता ।
जिस स्थान पर ब्राह्मणों का पूजन हो
वंहा देवता भी निवास करते हैं अन्यथा
ब्राह्मणों के सम्मान के बिना देवालय भी
शून्य हो जाते हैं । इसलिए
ब्राह्मणातिक्रमो नास्ति विप्रा वेद विवर्जिताः ।।
श्री कृष्ण ने कहा - ब्राह्मण यदि वेद
से हीन भी तब पर भी उसका अपमान
नही करना चाहिए । क्योंकि तुलसी का
पत्ता क्या छोटा क्या बड़ा वह हर
अवस्था में कल्याण ही करता है ।
ब्राह्मणोंस्य मुखमासिद्......
वेदों ने कहा है की ब्राह्मण विराट
पुरुष भगवान के मुख में निवास
करते हैं इनके मुख से निकले हर
शब्द भगवान का ही शब्द है, जैसा
की स्वयं भगवान् ने कहा है की
विप्र प्रसादात् धरणी धरोहम
विप्र प्रसादात् कमला वरोहम
विप्र प्रसादात्अजिता$जितोहम
विप्र प्रसादात् मम् राम नामम् ।।
ब्राह्मणों के आशीर्वाद से ही
मैंने धरती को धारण कर रखा
है अन्यथा इतना भार कोई अन्य
पुरुष कैसे उठा सकता है, इन्ही
के आशीर्वाद से नारायण हो कर
मैंने लक्ष्मी को वरदान में प्राप्त किया है,
इन्ही के आशीर्वाद से मैं हर युद्ध भी
जीत गया और ब्राह्मणों के आशीर्वाद
से ही मेरा नाम "राम" अमर हुआ है,
अतः ब्राह्मण सर्व पूज्यनीय है । और ब्राह्मणों का अपमान ही कलियुग
में पाप की वृद्धि का मुख्य कारण है ।
- किसी में कमी निकालने की
अपेक्षा किसी में से कमी निकालना
ही ब्राह्मण का धर्म है,
समस्त ब्राह्मण सम्प्रदाय
🙏 सर्व ब्राह्मणानां जयते 🙏l
""""""""""""""""""""""""""""""
ब्राह्मण सोखि समुद्र लियो,
ब्राह्मण साठ हजार को जारे ।
ब्राह्मण बाँधि लियो बलि को,
ब्राह्मण ने क्षत्रिय संहारे ॥
ब्राह्मण लात हनी हरि के उर,
ब्राह्मण ही जदुबंस उजारे ।
ब्राह्मण सों जनि बैर करौ कोउ,
ब्राह्मण सों परमेश्वर हारे ॥
मुख में वेद, तूणीर पीठपर,
कर में कठिन कुठार ।
देख महेन्द्राचल पर्वत पर
हुयी आज हुंकार ॥
चाप स्रुवा से आहुति देने,
यज्ञ हेतु तैयार ।।
सावधान ! अब चला परशुधर ,
द्विजद्रोही ! होशियार ॥
"""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""
-- पुराणों में कहा गया है -
विप्राणां यत्र पूज्यंते रमन्ते तत्र देवता ।
जिस स्थान पर ब्राह्मणों का पूजन हो
वंहा देवता भी निवास करते हैं अन्यथा
ब्राह्मणों के सम्मान के बिना देवालय भी
शून्य हो जाते हैं । इसलिए
ब्राह्मणातिक्रमो नास्ति विप्रा वेद विवर्जिताः ।।
श्री कृष्ण ने कहा - ब्राह्मण यदि वेद
से हीन भी तब पर भी उसका अपमान
नही करना चाहिए । क्योंकि तुलसी का
पत्ता क्या छोटा क्या बड़ा वह हर
अवस्था में कल्याण ही करता है ।
ब्राह्मणोंस्य मुखमासिद्......
वेदों ने कहा है की ब्राह्मण विराट
पुरुष भगवान के मुख में निवास
करते हैं इनके मुख से निकले हर
शब्द भगवान का ही शब्द है, जैसा
की स्वयं भगवान् ने कहा है की
विप्र प्रसादात् धरणी धरोहम
विप्र प्रसादात् कमला वरोहम
विप्र प्रसादात्अजिता$जितोहम
विप्र प्रसादात् मम् राम नामम् ।।
ब्राह्मणों के आशीर्वाद से ही
मैंने धरती को धारण कर रखा
है अन्यथा इतना भार कोई अन्य
पुरुष कैसे उठा सकता है, इन्ही
के आशीर्वाद से नारायण हो कर
मैंने लक्ष्मी को वरदान में प्राप्त किया है,
इन्ही के आशीर्वाद से मैं हर युद्ध भी
जीत गया और ब्राह्मणों के आशीर्वाद
से ही मेरा नाम "राम" अमर हुआ है,
अतः ब्राह्मण सर्व पूज्यनीय है । और ब्राह्मणों का अपमान ही कलियुग
में पाप की वृद्धि का मुख्य कारण है ।
- किसी में कमी निकालने की
अपेक्षा किसी में से कमी निकालना
ही ब्राह्मण का धर्म है,
समस्त ब्राह्मण सम्प्रदाय
🙏 सर्व ब्राह्मणानां जयते 🙏l
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ब्राह्मण सोखि समुद्र लियो,
ब्राह्मण साठ हजार को जारे ।
ब्राह्मण बाँधि लियो बलि को,
ब्राह्मण ने क्षत्रिय संहारे ॥
ब्राह्मण लात हनी हरि के उर,
ब्राह्मण ही जदुबंस उजारे ।
ब्राह्मण सों जनि बैर करौ कोउ,
ब्राह्मण सों परमेश्वर हारे ॥
मुख में वेद, तूणीर पीठपर,
कर में कठिन कुठार ।
देख महेन्द्राचल पर्वत पर
हुयी आज हुंकार ॥
चाप स्रुवा से आहुति देने,
यज्ञ हेतु तैयार ।।
सावधान ! अब चला परशुधर ,
द्विजद्रोही ! होशियार ॥
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हमारे ब्राह्मणों से पूजन हवन अनुष्ठान
रुद्राभिषेक इत्यादि स्वयं के लिए अथवा अपने प्रियजनों के लिए करवाने के लिए
निम्नलिखित जानकारी दें ।
(यदि आप स्वयं उपस्थित हो सकें तो अधिक उत्तम है ।
यदि किसी कारण स्वयं उपस्थित न हो सके
तो निम्नलिखित जानकारी दें ।)
1, आपका पता - मकान न०,
गली न०, मोहल्ला,शहर, ज़िला, राज्य
आदि । (आपको प्रसाद इसी पते पर भिजवाया जाएगा)
2, आपका गोत्र ।
3, आपका नाम तथा आपके परिवार के अन्य सदस्यों के नाम ।
4, आपका whatsapp नम्बर ।
5, आपकी जन्म कुंडली या जन्म समय, जन्म
तारीख, जन्म स्थान ।
6, आपकी फोटो ।
Mukesh
ReplyDeleteMukesh mishra
ReplyDeleteClassic
ReplyDeleteKitni aachi baat batai aapne jay ho..
ReplyDeleteKitni aachi baat batai aapne jay ho..
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