ॐ अग्निर्मूर्द्धेति मन्त्रस्य विरूपाङ्गिरस ऋषिः
अग्निर्देवता गायत्री छन्दः भौम प्रीत्यर्थे जपे विनियोगः ।।
ॐ मङ्गलाय नमः,
ऋणहर्तवे नमः,
कुज्जाय नमः,
अङ्गारकाय नमः,
लोहिताङ्गाय नमः,
क्षितिपुत्राय नमः,
धरणीगर्भाय नमः
ॐ अग्निर्मूर्धा दिवः ककुत्पतिः पृथिव्या अयम् । अपा ँ रेता
ँ सि जिन्वति ।।
धरणीगर्भसंभूतं विद्युत्तेजस्समप्रभम् ।
कुमारं शक्तिहस्तं च मङ्गलं प्रण्माम्यहम् ।।
ॐ भूर्भुवःस्वः अवन्तिदेशोद्भव भारद्वाज गोत्र रक्तवर्ण भो
भोम ! इहागच्छ, इह तिष्ठ ॐ भौमाय नमः, भौममावाहयामि स्थापयामि ।
अङ्गारकाय विद्महे लोहिताङ्गाय धीमहि तन्नः भौम प्रचोदयात् ।।
ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः १००००
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निम्नलिखित जानकारी दें ।
(यदि आप स्वयं उपस्थित हो सकें तो अधिक उत्तम है ।
यदि किसी कारण स्वयं उपस्थित न हो सके
तो निम्नलिखित जानकारी दें ।)
1, आपका पता - मकान न०,
गली न०, मोहल्ला,शहर, ज़िला, राज्य
आदि । (आपको प्रसाद इसी पते पर भिजवाया जाएगा)
2, आपका गोत्र ।
3, आपका नाम तथा आपके परिवार के अन्य सदस्यों के नाम ।
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5, आपकी जन्म कुंडली या जन्म समय, जन्म
तारीख, जन्म स्थान ।
6, आपकी फोटो ।
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