Sunday, December 20, 2015

बगलामुखी ध्यान -

शत्रु संहार के लिए या किसी गुप्त या प्रत्यक्ष शत्रु के किये हुए प्रहार को निष्फल करके उसी पर वापस करने के प्रयोग के लिए माँ बगलामुखी बहुत प्रसिद्ध है 
माता को पीला रंग प्रिय है । शत्रु इनके सामने नहीं टिक सकते । माता बगलामुखी के मंत्रो का जाप करने के लिए साधक को कड़े नियमो का पालन करना अति आवश्यक है । वैसे तो हर मंत्र का अपना नियम पालन होना जरुरी है क्योंकि नियम से न चलने के कारण मंत्र का दुष्प्रभाव भी सामने आता है । लेकिन बगलामुखी माँ पीताम्बरा के नियम
पालन न होने से बहुत अधिक नुक्सान देखा गया है । सभी मंत्र किसी सक्षम गुरु की देख रेख में ही फलित होने चाहिए 

माता बगलामुखी के अनुष्ठान की विधि -
जब तक माता बगलामुखी का अनुष्ठान चल रहा हो उतने दिन ब्रह्मचर्य पालन करना चाहिए 
जप करने के लिए हल्दी की माला का प्रयोग करें 
जप करते समय पीले वस्त्र धारण करें 
जप करने के लिए आसन भी पीले रंग का होना चाहिए 
माता के अनुष्ठान के साथ भैरव एवं हनुमान के लिए भी मंत्र उच्चारण होने चाहिए 
अच्छे उद्देश्य से ही अनुष्ठान का अच्छा फल मिलता है क्योकि यदि हमारा उद्देश्य गलत होगा तो माता हमें हमारे गलत कर्मो का फल भी देगी    

मध्ये सुधाब्धि मणिमण्डप रत्नवेद्यां
            सिंहासनोपरिगतां           परिपीतवर्णां
पीताम्बराभरण माल्य विभूषिताङ्गीं
            देवीं स्मरामि धृत मुद्गर वैरिजिह्वाम् ।।।।

सौवर्णासन संस्थितां त्रिनयनां पीतांशुकोल्लासिनीं
            हेमाभाङ्गरुचिं शशाङ्कमुकुटां सच्चम्पक स्रग्युताम्
हस्तैर्मुद्गर पाशबद्ध रसनां संबिभ्रतीं भूषणै
            र्व्याप्ताङ्गीं बगलामुखीं त्रिजगतां संस्तंभिनीं चिन्तये ।।।।

जिह्वाग्रमादाय करेण देवीं वामेन शत्रून् परिपीडयन्तीम्
गदाभिघातेन च दक्षिणेन पीताम्बराढ्यां द्विभुजां नमामि ।।।।     
           
ॐ ह्रीं बगलामुखी ! सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय
जिह्वां   कीलय   बुद्धिं   विनाशय   ह्रीं  ॐ  स्वाहा ।।



ॐ ब्रह्मास्त्राय विद्महे स्तम्भनबाणाय धीमहि तन्नः बगला प्रचोदयात्


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