Thursday, January 2, 2020

Shiv Vaas शिव वास


भगवान शिव के अनुष्ठान में रुद्राभिषेक इत्यादि में  शिव वास देखना अति आवश्यक कहा जाता है ।
महामृत्युञ्जय इत्यादि के हवन के लिए भी यदि शिव वास देखा जाये तो बहुत उत्तम माना गया है ।
परन्तु विशेष रूप से शिव लिंग तथा शिव मूर्ती की स्थापना एवं प्रतिष्ठा करने के लिए शिव वास देखना कहा गया है 
भगवान शिव का वास कोन से पक्ष की कोन सी तिथि को किधर होता है और उसका क्या फल है यह हम आपको बताने जा रहे हैं ।



शिव वास की गणना करने की विधि :  
नारद जी के अनुसार ---
"तिथिं च द्विगुणी कृत्वा पुनः पञ्च समन्वितम 
सप्तभिस्तुहरेद्भागम शेषं शिव वास उच्यते ।।"  
जिस तिथि के लिए शिव वास देखना हो उस संख्या को दोगुना करके जो आये उसमे पांच जोड़ें 
जो संख्या प्राप्त हुई उसको सात से भाग दे दें 
अब शेष बची हुई संख्या के अनुसार शिव वास को जानें 

"
एकेन वासः कैलाशे द्वितीये गौरी सन्निधौ । तृतीये वृषभारुढ़ः सभायां च चतुष्टये   
पंचमे भोजने चैव क्रीड़ायां च रसात्मके । श्मशाने सप्तशेषे च शिववासः उदीरितः ।।"
यदि एक शेष बचे तो शिववास कैलाश पर जाने,
दो शेष बचने पर गौरी सानिध्य में,
तीन शेष में वृषभारुढ,
चार में सभामध्य,
पांच में भोजन करते हुए,
छः शेष में क्रीड़ारत और 
सात यानी शून्य शेष रहने पर शिव को श्मशान वासी जाने ।

शिव वास कहाँ होने से क्या फल है यह आगे कहा गया है ---
"कैलाशे लभते सौख्यं गौर्या च सुख सम्पदः । वृषभेऽभीष्ट सिद्धिः स्यात् सभायां संतापकारिणी । 
भोजने च भवेत् पीड़ा क्रीडायां कष्टमेव च । श्मशाने मरणं ज्ञेयं फलमेवं विचारयेत् ।।" 
अर्थात् कैलाश वासी शिव का अनुष्ठान करने से सुख प्राप्ति होती है । 
गौरी-सानिध्य में रहने पर सुख-सम्पदा की प्राप्ति होती है । 
वृषारुढ़ शिव की विशेष उपासना से अभीष्ट की सिद्धि होती है । 
सभासद शिव पूजन से संताप होता है । 
भोजन करते हुए शिव की आराधना पीड़ादायी है । 
क्रीड़ारत शिवाराधन भी कष्टकारी है तथा श्मशानवासी शिवाराधन मरण या मरण तुल्य कष्ट देता है । 
उक्त शिववास नियम - विचार के साथ-साथ सामान्य पंचांग-शुद्धि (भद्रादि दोष वर्जना) भी अवश्य देखना चाहिए ।

मुख्यतः सकाम उपासना पूजन के लिए शिव वास या अन्य विचार किया जाता है , यदि निष्काम भाव से शिव आराधना पूजन इत्यादि करना हो तो कभी भी किया जा सकता है 

किसी प्राचीन तीर्थ स्थान में या ज्योतिर्लिंग में शिवरात्रि प्रदोष आदि में माघ व सावन में बिना शिव वास देखे भी अनुष्ठान कर सकते हैं  



Scan This Code below to Donate

or 

Phonepe - 9464532794@ybl


Paytm - 9464532794@paytm


Bhim - 9464532794@upi


Google Pay - sushil.semwal87@oksbi
9464532794

 

कृपया अपने सामर्थ्य अनुसार आर्थिक अनुदान उपरोक्त अनलाइन माध्यम के जरिए करें  
ताकि हम समय समय पर ब्लॉग अपडेट कर सकें 
एवं ब्लॉग में ओर ज्यादा मेहनत के साथ अन्य प्रकार की जानकारी भी उपलब्ध करवाई जा सके 
धन्यवाद 





तिथि
वास
फल
शुक्ल प्रतिपदा
श्मशान
मृत्यु तुल्य कष्टदायक
शुक्ल द्वितीया
गौरी संग
शुभलाभ सुख दायक
शुक्ल तृतीया
सभा में
कष्ट संताप
शुक्ल चतुर्थी
क्रीड़ा रमण
दुःख दायक
शुक्ल पंचमी
कैलाश पर
शुभलाभ सुखप्रद
शुक्ल षष्ठी
बैल पर
ईष्ट कार्य सिद्धि
शुक्ल सप्तमी
भोजन
दुःख दायक
शुक्ल अष्टमी
श्मशान
मृत्यु तुल्य कष्टदायक
शुक्ल नवमी
गौरी संग
शुभलाभ सुख दायक
शुक्ल दशमी
सभा में
कष्ट संताप
शुक्ल एकादशी
क्रीड़ा रमण
दुःख दायक
शुक्ल द्वादशी
कैलाश पर
शुभलाभ सुखप्रद
शुक्ल त्रयोदशी
बैल पर
ईष्ट कार्य सिद्धि
शुक्ल चतुर्दशी
भोजन
दुःख दायक
पूर्णिमा
श्मशान
मृत्यु तुल्य कष्टदायक
 कृष्ण प्रतिपदा
गौरी संग
शुभलाभ सुख दायक
कृष्ण द्वितीया
सभा में
कष्ट संताप
कृष्ण तृतीया
क्रीड़ा रमण
दुःख दायक
कृष्ण चतुर्थी
कैलाश पर
शुभलाभ सुखप्रद
कृष्ण पंचमी
बैल पर
ईष्ट कार्य सिद्धि
कृष्ण षष्ठी
भोजन
दुःख दायक
कृष्ण सप्तमी
श्मशान
मृत्यु तुल्य कष्टदायक
कृष्ण अष्टमी
गौरी संग
शुभलाभ सुख दायक
कृष्ण नवमी
सभा में
कष्ट संताप
कृष्ण दशमी
क्रीड़ा रमण
दुःख दायक
कृष्ण एकादशी
कैलाश पर
शुभलाभ सुखप्रद
कृष्ण द्वादशी
बैल पर
ईष्ट कार्य सिद्धि
कृष्ण त्रयोदशी
भोजन
दुःख दायक
कृष्ण चतुर्दशी
श्मशान
मृत्यु तुल्य कष्टदायक
अमावस्या
गौरी संग
शुभलाभ सुख दायक


अप्रैल 2021 के अग्नि वास के लिए यहाँ क्लिक करें ।

मई 2021 के अग्नि वास के लिए यहाँ क्लिक करें ।

जून 2021 के अग्नि वास के लिए यहाँ क्लिक करें 

जुलाई 2021 के अग्नि वास के लिए यहाँ क्लिक करें 

अगस्त 2021 के अग्नि वास के लिए यहाँ क्लिक करें 

सितम्बर 2021 के अग्नि वास के लिए यहाँ क्लिक करें 

अक्टूबर 2021 के अग्नि वास के लिए यहाँ क्लिक करें 

नवम्बर 2021 के अग्नि वास के लिए यहाँ क्लिक करें 

दिसम्बर 2021 के अग्नि वास के लिए यहाँ क्लिक करें 

जनवरी 2022 के अग्नि वास के लिए यहाँ क्लिक करें 

फरवरी 2022 के अग्नि वास के लिए यहाँ क्लिक करें 

मार्च 2022 के अग्नि वास के लिए यहाँ क्लिक करें 


Providing Best Astrology Services by Best Astrologers in Patiala, Chandigarh.
Best Pooja Path Service according to Vedic Rituals.
Contact for Marriage Fere and any type of Poojan Hawan etc.
Rudrabhishek, Kaalsarp Shanti, Gandmool shanti, Grah Pravesh, Shop Inaugration
Providing Bhagwat Katha Service and Shiv Puran Katha Service also.






4 comments:

  1. शिववास किस ग्रन्थ से प्रमाणित है बन्धु बताने की कृपा करें।।

    ReplyDelete
    Replies
    1. लगभग सभी पंचांगों में ये दिया रहता है |
      मूल ग्रन्थ का भी पता करके यहाँ पोस्ट किया जायेगा |

      Delete
  2. Pandit ji please post next month shivvas dateson this site as you have done earlier
    Please June or July month ke bhi shivvas dates post karne 🙏

    ReplyDelete
  3. हर हर शङ्कर


    शिव वास के प्रमाण कहा है पंडित सुनील जी हो तो प्रमाण कहने किस वैदिक ग्रन्थ में अथवा प्रचीन पुस्तक में

    8317083301

    ReplyDelete