Sunday, January 26, 2020

Shiv Vaas for February 2021

भगवान शिव के अनुष्ठान में रुद्राभिषेक इत्यादि में  शिव वास देखना अति आवश्यक कहा जाता है ।
    महामृत्युञ्जय इत्यादि के हवन के लिए भी यदि शिव वास देखा जाये तो बहुत उत्तम माना गया है ।
    परन्तु विशेष रूप से शिव लिंग तथा शिव मूर्ती की स्थापना एवं प्रतिष्ठा करने के लिए शिव वास देखना कहा गया है 
    भगवान शिव का वास कोन से पक्ष की कोन सी तिथि को किधर होता है और उसका क्या फल है यह हम आपको बताने जा रहे हैं ।



    शिव वास की गणना करने की विधि :  
    नारद जी के अनुसार ---
    "तिथिं च द्विगुणी कृत्वा पुनः पञ्च समन्वितम 
    सप्तभिस्तुहरेद्भागम शेषं शिव वास उच्यते ।।"  
    जिस तिथि के लिए शिव वास देखना हो उस संख्या को दोगुना करके जो आये उसमे पांच जोड़ें 
    जो संख्या प्राप्त हुई उसको सात से भाग दे दें 
    अब शेष बची हुई संख्या के अनुसार शिव वास को जानें 

    "
    एकेन वासः कैलाशे द्वितीये गौरी सन्निधौ । तृतीये वृषभारुढ़ः सभायां च चतुष्टये   
    पंचमे भोजने चैव क्रीड़ायां च रसात्मके । श्मशाने सप्तशेषे च शिववासः उदीरितः ।।"
    यदि एक शेष बचे तो शिववास कैलाश पर जाने,
    दो शेष बचने पर गौरी सानिध्य में,
    तीन शेष में वृषभारुढ,
    चार में सभामध्य,
    पांच में भोजन करते हुए,
    छः शेष में क्रीड़ारत और 
    सात यानी शून्य शेष रहने पर शिव को श्मशान वासी जाने ।

    शिव वास कहाँ होने से क्या फल है यह आगे कहा गया है ---
    "कैलाशे लभते सौख्यं गौर्या च सुख सम्पदः । वृषभेऽभीष्ट सिद्धिः स्यात् सभायां संतापकारिणी । 
    भोजने च भवेत् पीड़ा क्रीडायां कष्टमेव च । श्मशाने मरणं ज्ञेयं फलमेवं विचारयेत् ।।" 
    अर्थात् कैलाश वासी शिव का अनुष्ठान करने से सुख प्राप्ति होती है । 
    गौरी-सानिध्य में रहने पर सुख-सम्पदा की प्राप्ति होती है । 
    वृषारुढ़ शिव की विशेष उपासना से अभीष्ट की सिद्धि होती है । 
    सभासद शिव पूजन से संताप होता है । 
    भोजन करते हुए शिव की आराधना पीड़ादायी है । 
    क्रीड़ारत शिवाराधन भी कष्टकारी है तथा श्मशानवासी शिवाराधन मरण या मरण तुल्य कष्ट देता है । 
    उक्त शिववास नियम - विचार के साथ-साथ सामान्य पंचांग-शुद्धि (भद्रादि दोष वर्जना) भी अवश्य देखना चाहिए ।

    मुख्यतः सकाम उपासना पूजन के लिए शिव वास या अन्य विचार किया जाता है यदि निष्काम भाव से शिव आराधना पूजन इत्यादि करना हो तो कभी भी किया जा सकता है 

    किसी प्राचीन तीर्थ स्थान में या ज्योतिर्लिंग में शिवरात्रि प्रदोष आदि में माघ व सावन में बिना शिव वास देखे भी अनुष्ठान कर सकते हैं  



    Shiv Vaas Prediction For 2020-21
    94645-32794
    Date
    Tithi
    Paksh
    Month
    Shiv Vaas
    Monday, February 01, 2021
    कृष्ण चतुर्थी
    माघ
    कैलाश पर (शुभलाभ सुखप्रद)
    Tuesday, February 02, 2021
    कृष्ण पंचमी
    माघ
    बैल पर (ईष्ट कार्य सिद्धि)
    Wednesday, February 03, 2021
    कृष्ण षष्ठी
    माघ
    भोजन (दुःख दायक)
    Thursday, February 04, 2021
    कृष्ण सप्तमी
    माघ
    श्मशान (मृत्यु तुल्य कष्टदायक)
    Friday, February 05, 2021
    कृष्ण अष्टमी
    माघ
    गौरी संग (शुभलाभ सुख दायक)
    Saturday, February 06, 2021
    कृष्ण नवमी
    माघ
    सभा में (कष्ट संताप)
    Sunday, February 07, 2021
    कृष्ण एकादशी
    माघ
    कैलाश पर (शुभलाभ सुखप्रद)
    Monday, February 08, 2021
    कृष्ण द्वादशी
    माघ
    बैल पर (ईष्ट कार्य सिद्धि)
    Tuesday, February 09, 2021
    कृष्ण त्रयोदशी
    माघ
    भोजन (दुःख दायक)
    Wednesday, February 10, 2021
    कृष्ण चतुर्दशी
    माघ
    श्मशान (मृत्यु तुल्य कष्टदायक)
    Thursday, February 11, 2021
    अमावस्या
    माघ
    गौरी संग (शुभलाभ सुख दायक)
    Friday, February 12, 2021
    शुक्ल प्रतिपदा
    माघ
    श्मशान (मृत्युतुल्य कष्टदायक)
    Saturday, February 13, 2021
    शुक्ल द्वितीया
    माघ
    गौरी संग (शुभलाभ सुखदायक)
    Sunday, February 14, 2021
    शुक्ल तृतीया
    माघ
    सभा में (कष्ट संताप)
    Monday, February 15, 2021
    शुक्ल चतुर्थी
    माघ
    क्रीड़ा रमण (दुःख दायक)
    Tuesday, February 16, 2021
    शुक्ल पंचमी
    माघ
    कैलाश पर (शुभलाभ सुखप्रद)
    Wednesday, February 17, 2021
    शुक्ल षष्ठी
    माघ
    बैल पर (ईष्ट कार्य सिद्धि)
    Thursday, February 18, 2021
    शुक्ल षष्ठी
    माघ
    बैल पर (ईष्ट कार्य सिद्धि)
    Friday, February 19, 2021
    शुक्ल सप्तमी
    माघ
    भोजन (दुःख दायक)
    Saturday, February 20, 2021
    शुक्ल अष्टमी
    माघ
    श्मशान (मृत्यु तुल्य कष्टदायक)
    Sunday, February 21, 2021
    शुक्ल नवमी
    माघ
    गौरी संग (शुभलाभ सुख दायक)
    Monday, February 22, 2021
    शुक्ल दशमी
    माघ
    सभा में (कष्ट संताप)
    Tuesday, February 23, 2021
    शुक्ल एकादशी
    माघ
    क्रीड़ा रमण (दुःख दायक)
    Wednesday, February 24, 2021
    शुक्ल द्वादशी
    माघ
    कैलाश पर (शुभलाभ सुखप्रद)
    Thursday, February 25, 2021
    शुक्ल त्रयोदशी
    माघ
    बैल पर (ईष्ट कार्य सिद्धि)
    Friday, February 26, 2021
    शुक्ल चतुर्दशी
    माघ
    भोजन (दुःख दायक)
    Saturday, February 27, 2021
    पूर्णिमा
    माघ
    श्मशान (मृत्यु तुल्य कष्टदायक)
    Sunday, February 28, 2021
     कृष्ण प्रतिपदा
    फाल्गुन
    गौरी संग (शुभलाभ सुख दायक)
    हमारे ब्राह्मणों से पूजन हवन अनुष्ठान रुद्राभिषेक इत्यादि स्वयं के लिए अथवा अपने प्रियजनों के लिए करवाने के लिए निम्नलिखित जानकारी दें ।
    (यदि आप स्वयं उपस्थित हो सकें तो अधिक उत्तम है ।
    यदि किसी कारण स्वयं उपस्थित न हो सके तो निम्नलिखित जानकारी दें ।)
    1, आपका पता - मकान न०, गली न०, मोहल्ला,शहर, ज़िला, राज्य आदि । (आपको प्रसाद इसी पते पर भिजवाया जाएगा)
    2, आपका गोत्र ।
    3, आपका नाम तथा आपके परिवार के अन्य सदस्यों के नाम ।
    4, आपका whatsapp नम्बर ।
    5, आपकी जन्म कुंडली या जन्म समय, जन्म तारीख, जन्म स्थान ।
    6, आपकी फोटो ।


    हमारा संपर्क सूत्र –     9464532794                7888548882







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