Sunday, January 26, 2020

Shiv Vaas for August 2020

भगवान शिव के अनुष्ठान में रुद्राभिषेक इत्यादि में  शिव वास देखना अति आवश्यक कहा जाता है ।
    महामृत्युञ्जय इत्यादि के हवन के लिए भी यदि शिव वास देखा जाये तो बहुत उत्तम माना गया है ।
    परन्तु विशेष रूप से शिव लिंग तथा शिव मूर्ती की स्थापना एवं प्रतिष्ठा करने के लिए शिव वास देखना कहा गया है 
    भगवान शिव का वास कोन से पक्ष की कोन सी तिथि को किधर होता है और उसका क्या फल है यह हम आपको बताने जा रहे हैं ।



    शिव वास की गणना करने की विधि :  
    नारद जी के अनुसार ---
    "तिथिं च द्विगुणी कृत्वा पुनः पञ्च समन्वितम 
    सप्तभिस्तुहरेद्भागम शेषं शिव वास उच्यते ।।"  
    जिस तिथि के लिए शिव वास देखना हो उस संख्या को दोगुना करके जो आये उसमे पांच जोड़ें 
    जो संख्या प्राप्त हुई उसको सात से भाग दे दें 
    अब शेष बची हुई संख्या के अनुसार शिव वास को जानें 

    "
    एकेन वासः कैलाशे द्वितीये गौरी सन्निधौ । तृतीये वृषभारुढ़ः सभायां च चतुष्टये   
    पंचमे भोजने चैव क्रीड़ायां च रसात्मके । श्मशाने सप्तशेषे च शिववासः उदीरितः ।।"
    यदि एक शेष बचे तो शिववास कैलाश पर जाने,
    दो शेष बचने पर गौरी सानिध्य में,
    तीन शेष में वृषभारुढ,
    चार में सभामध्य,
    पांच में भोजन करते हुए,
    छः शेष में क्रीड़ारत और 
    सात यानी शून्य शेष रहने पर शिव को श्मशान वासी जाने ।

    शिव वास कहाँ होने से क्या फल है यह आगे कहा गया है ---
    "कैलाशे लभते सौख्यं गौर्या च सुख सम्पदः । वृषभेऽभीष्ट सिद्धिः स्यात् सभायां संतापकारिणी । 
    भोजने च भवेत् पीड़ा क्रीडायां कष्टमेव च । श्मशाने मरणं ज्ञेयं फलमेवं विचारयेत् ।।" 
    अर्थात् कैलाश वासी शिव का अनुष्ठान करने से सुख प्राप्ति होती है । 
    गौरी-सानिध्य में रहने पर सुख-सम्पदा की प्राप्ति होती है । 
    वृषारुढ़ शिव की विशेष उपासना से अभीष्ट की सिद्धि होती है । 
    सभासद शिव पूजन से संताप होता है । 
    भोजन करते हुए शिव की आराधना पीड़ादायी है । 
    क्रीड़ारत शिवाराधन भी कष्टकारी है तथा श्मशानवासी शिवाराधन मरण या मरण तुल्य कष्ट देता है । 
    उक्त शिववास नियम - विचार के साथ-साथ सामान्य पंचांग-शुद्धि (भद्रादि दोष वर्जना) भी अवश्य देखना चाहिए ।

    मुख्यतः सकाम उपासना पूजन के लिए शिव वास या अन्य विचार किया जाता है यदि निष्काम भाव से शिव आराधना पूजन इत्यादि करना हो तो कभी भी किया जा सकता है 

    किसी प्राचीन तीर्थ स्थान में या ज्योतिर्लिंग में शिवरात्रि प्रदोष आदि में माघ व सावन में बिना शिव वास देखे भी अनुष्ठान कर सकते हैं  


    Shiv Vaas Prediction For 2020-21
    94645-32794
    Date
    Tithi
    Paksh
    Month
    Shiv Vaas
    Saturday, August 01, 2020
    शुक्ल त्रयोदशी
    श्रावण
    बैल पर (ईष्ट कार्य सिद्धि)
    Sunday, August 02, 2020
    शुक्ल चतुर्दशी
    श्रावण
    भोजन (दुःख दायक)
    Monday, August 03, 2020
    पूर्णिमा
    श्रावण
    श्मशान (मृत्यु तुल्य कष्टदायक)
    Tuesday, August 04, 2020
     कृष्ण प्रतिपदा
    भाद्रपद
    गौरी संग (शुभलाभ सुख दायक)
    Wednesday, August 05, 2020
    कृष्ण द्वितीया
    भाद्रपद
    सभा में (कष्ट संताप)
    Thursday, August 06, 2020
    कृष्ण तृतीया
    भाद्रपद
    क्रीड़ा रमण (दुःख दायक)
    Friday, August 07, 2020
    कृष्ण चतुर्थी
    भाद्रपद
    कैलाश पर (शुभलाभ सुखप्रद)
    Saturday, August 08, 2020
    कृष्ण पंचमी
    भाद्रपद
    बैल पर (ईष्ट कार्य सिद्धि)
    Sunday, August 09, 2020
    कृष्ण षष्ठी
    भाद्रपद
    भोजन (दुःख दायक)
    Monday, August 10, 2020
    कृष्ण षष्ठी
    भाद्रपद
    भोजन (दुःख दायक)
    Tuesday, August 11, 2020
    कृष्ण सप्तमी
    भाद्रपद
    श्मशान (मृत्यु तुल्य कष्टदायक)
    Wednesday, August 12, 2020
    कृष्ण अष्टमी
    भाद्रपद
    गौरी संग (शुभलाभ सुख दायक)
    Thursday, August 13, 2020
    कृष्ण नवमी
    भाद्रपद
    सभा में (कष्ट संताप)
    Friday, August 14, 2020
    कृष्ण दशमी
    भाद्रपद
    क्रीड़ा रमण (दुःख दायक)
    Saturday, August 15, 2020
    कृष्ण एकादशी
    भाद्रपद
    कैलाश पर (शुभलाभ सुखप्रद)
    Sunday, August 16, 2020
    कृष्ण द्वादशी
    भाद्रपद
    बैल पर (ईष्ट कार्य सिद्धि)
    Monday, August 17, 2020
    कृष्ण त्रयोदशी
    भाद्रपद
    भोजन (दुःख दायक)
    Tuesday, August 18, 2020
    कृष्ण चतुर्दशी
    भाद्रपद
    श्मशान (मृत्यु तुल्य कष्टदायक)
    Wednesday, August 19, 2020
    अमावस्या
    भाद्रपद
    गौरी संग (शुभलाभ सुख दायक)
    Thursday, August 20, 2020
    शुक्ल द्वितीया
    भाद्रपद
    गौरी संग (शुभलाभ सुखदायक)
    Friday, August 21, 2020
    शुक्ल तृतीया
    भाद्रपद
    सभा में (कष्ट संताप)
    Saturday, August 22, 2020
    शुक्ल चतुर्थी
    भाद्रपद
    क्रीड़ा रमण (दुःख दायक)
    Sunday, August 23, 2020
    शुक्ल पंचमी
    भाद्रपद
    कैलाश पर (शुभलाभ सुखप्रद)
    Monday, August 24, 2020
    शुक्ल षष्ठी
    भाद्रपद
    बैल पर (ईष्ट कार्य सिद्धि)
    Tuesday, August 25, 2020
    शुक्ल सप्तमी
    भाद्रपद
    भोजन (दुःख दायक)
    Wednesday, August 26, 2020
    शुक्ल अष्टमी
    भाद्रपद
    श्मशान (मृत्यु तुल्य कष्टदायक)
    Thursday, August 27, 2020
    शुक्ल नवमी
    भाद्रपद
    गौरी संग (शुभलाभ सुख दायक)
    Friday, August 28, 2020
    शुक्ल दशमी
    भाद्रपद
    सभा में (कष्ट संताप)
    Saturday, August 29, 2020
    शुक्ल एकादशी
    भाद्रपद
    क्रीड़ा रमण (दुःख दायक)
    Sunday, August 30, 2020
    शुक्ल द्वादशी
    भाद्रपद
    कैलाश पर (शुभलाभ सुखप्रद)
    Monday, August 31, 2020
    शुक्ल त्रयोदशी
    भाद्रपद
    बैल पर (ईष्ट कार्य सिद्धि)


    हमारे ब्राह्मणों से पूजन हवन अनुष्ठान रुद्राभिषेक इत्यादि स्वयं के लिए अथवा अपने प्रियजनों के लिए करवाने के लिए निम्नलिखित जानकारी दें ।
    (यदि आप स्वयं उपस्थित हो सकें तो अधिक उत्तम है ।
    यदि किसी कारण स्वयं उपस्थित न हो सके तो निम्नलिखित जानकारी दें ।)
    1, आपका पता - मकान न०, गली न०, मोहल्ला,शहर, ज़िला, राज्य आदि । (आपको प्रसाद इसी पते पर भिजवाया जाएगा)
    2, आपका गोत्र ।
    3, आपका नाम तथा आपके परिवार के अन्य सदस्यों के नाम ।
    4, आपका whatsapp नम्बर ।
    5, आपकी जन्म कुंडली या जन्म समय, जन्म तारीख, जन्म स्थान ।
    6, आपकी फोटो ।


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