Sunday, January 26, 2020

Shiv Vaas for November 2020

भगवान शिव के अनुष्ठान में रुद्राभिषेक इत्यादि में  शिव वास देखना अति आवश्यक कहा जाता है ।
    महामृत्युञ्जय इत्यादि के हवन के लिए भी यदि शिव वास देखा जाये तो बहुत उत्तम माना गया है ।
    परन्तु विशेष रूप से शिव लिंग तथा शिव मूर्ती की स्थापना एवं प्रतिष्ठा करने के लिए शिव वास देखना कहा गया है 
    भगवान शिव का वास कोन से पक्ष की कोन सी तिथि को किधर होता है और उसका क्या फल है यह हम आपको बताने जा रहे हैं ।



    शिव वास की गणना करने की विधि :  
    नारद जी के अनुसार ---
    "तिथिं च द्विगुणी कृत्वा पुनः पञ्च समन्वितम 
    सप्तभिस्तुहरेद्भागम शेषं शिव वास उच्यते ।।"  
    जिस तिथि के लिए शिव वास देखना हो उस संख्या को दोगुना करके जो आये उसमे पांच जोड़ें 
    जो संख्या प्राप्त हुई उसको सात से भाग दे दें 
    अब शेष बची हुई संख्या के अनुसार शिव वास को जानें 

    "
    एकेन वासः कैलाशे द्वितीये गौरी सन्निधौ । तृतीये वृषभारुढ़ः सभायां च चतुष्टये   
    पंचमे भोजने चैव क्रीड़ायां च रसात्मके । श्मशाने सप्तशेषे च शिववासः उदीरितः ।।"
    यदि एक शेष बचे तो शिववास कैलाश पर जाने,
    दो शेष बचने पर गौरी सानिध्य में,
    तीन शेष में वृषभारुढ,
    चार में सभामध्य,
    पांच में भोजन करते हुए,
    छः शेष में क्रीड़ारत और 
    सात यानी शून्य शेष रहने पर शिव को श्मशान वासी जाने ।

    शिव वास कहाँ होने से क्या फल है यह आगे कहा गया है ---
    "कैलाशे लभते सौख्यं गौर्या च सुख सम्पदः । वृषभेऽभीष्ट सिद्धिः स्यात् सभायां संतापकारिणी । 
    भोजने च भवेत् पीड़ा क्रीडायां कष्टमेव च । श्मशाने मरणं ज्ञेयं फलमेवं विचारयेत् ।।" 
    अर्थात् कैलाश वासी शिव का अनुष्ठान करने से सुख प्राप्ति होती है । 
    गौरी-सानिध्य में रहने पर सुख-सम्पदा की प्राप्ति होती है । 
    वृषारुढ़ शिव की विशेष उपासना से अभीष्ट की सिद्धि होती है । 
    सभासद शिव पूजन से संताप होता है । 
    भोजन करते हुए शिव की आराधना पीड़ादायी है । 
    क्रीड़ारत शिवाराधन भी कष्टकारी है तथा श्मशानवासी शिवाराधन मरण या मरण तुल्य कष्ट देता है । 
    उक्त शिववास नियम - विचार के साथ-साथ सामान्य पंचांग-शुद्धि (भद्रादि दोष वर्जना) भी अवश्य देखना चाहिए ।

    मुख्यतः सकाम उपासना पूजन के लिए शिव वास या अन्य विचार किया जाता है यदि निष्काम भाव से शिव आराधना पूजन इत्यादि करना हो तो कभी भी किया जा सकता है 

    किसी प्राचीन तीर्थ स्थान में या ज्योतिर्लिंग में शिवरात्रि प्रदोष आदि में माघ व सावन में बिना शिव वास देखे भी अनुष्ठान कर सकते हैं  



    Shiv Vaas Prediction For 2020-21
    94645-32794
    Date
    Tithi
    Paksh
    Month
    Shiv Vaas
    Sunday, November 01, 2020
     कृष्ण प्रतिपदा
    कार्तिक
    गौरी संग (शुभलाभ सुख दायक)
    Monday, November 02, 2020
    कृष्ण द्वितीया
    कार्तिक
    सभा में (कष्ट संताप)
    Tuesday, November 03, 2020
    कृष्ण तृतीया
    कार्तिक
    क्रीड़ा रमण (दुःख दायक)
    Wednesday, November 04, 2020
    कृष्ण चतुर्थी
    कार्तिक
    कैलाश पर (शुभलाभ सुखप्रद)
    Thursday, November 05, 2020
    कृष्ण पंचमी
    कार्तिक
    बैल पर (ईष्ट कार्य सिद्धि)
    Friday, November 06, 2020
    कृष्ण षष्ठी
    कार्तिक
    भोजन (दुःख दायक)
    Saturday, November 07, 2020
    कृष्ण षष्ठी
    कार्तिक
    भोजन (दुःख दायक)
    Sunday, November 08, 2020
    कृष्ण सप्तमी
    कार्तिक
    श्मशान (मृत्यु तुल्य कष्टदायक)
    Monday, November 09, 2020
    कृष्ण अष्टमी
    कार्तिक
    गौरी संग (शुभलाभ सुख दायक)
    Tuesday, November 10, 2020
    कृष्ण दशमी
    कार्तिक
    क्रीड़ा रमण (दुःख दायक)
    Wednesday, November 11, 2020
    कृष्ण एकादशी
    कार्तिक
    कैलाश पर (शुभलाभ सुखप्रद)
    Thursday, November 12, 2020
    कृष्ण द्वादशी
    कार्तिक
    बैल पर (ईष्ट कार्य सिद्धि)
    Friday, November 13, 2020
    कृष्ण त्रयोदशी
    कार्तिक
    भोजन (दुःख दायक)
    Saturday, November 14, 2020
    कृष्ण चतुर्दशी
    कार्तिक
    श्मशान (मृत्यु तुल्य कष्टदायक)
    Sunday, November 15, 2020
    अमावस्या
    कार्तिक
    गौरी संग (शुभलाभ सुख दायक)
    Monday, November 16, 2020
    शुक्ल प्रतिपदा
    कार्तिक
    श्मशान (मृत्युतुल्य कष्टदायक)
    Tuesday, November 17, 2020
    शुक्ल तृतीया
    कार्तिक
    सभा में (कष्ट संताप)
    Wednesday, November 18, 2020
    शुक्ल चतुर्थी
    कार्तिक
    क्रीड़ा रमण (दुःख दायक)
    Thursday, November 19, 2020
    शुक्ल पंचमी
    कार्तिक
    कैलाश पर (शुभलाभ सुखप्रद)
    Friday, November 20, 2020
    शुक्ल षष्ठी
    कार्तिक
    बैल पर (ईष्ट कार्य सिद्धि)
    Saturday, November 21, 2020
    शुक्ल सप्तमी
    कार्तिक
    भोजन (दुःख दायक)
    Sunday, November 22, 2020
    शुक्ल अष्टमी
    कार्तिक
    श्मशान (मृत्यु तुल्य कष्टदायक)
    Monday, November 23, 2020
    शुक्ल नवमी
    कार्तिक
    गौरी संग (शुभलाभ सुख दायक)
    Tuesday, November 24, 2020
    शुक्ल दशमी
    कार्तिक
    सभा में (कष्ट संताप)
    Wednesday, November 25, 2020
    शुक्ल एकादशी
    कार्तिक
    क्रीड़ा रमण (दुःख दायक)
    Thursday, November 26, 2020
    शुक्ल द्वादशी
    कार्तिक
    कैलाश पर (शुभलाभ सुखप्रद)
    Friday, November 27, 2020
    शुक्ल द्वादशी
    कार्तिक
    कैलाश पर (शुभलाभ सुखप्रद)
    Saturday, November 28, 2020
    शुक्ल त्रयोदशी
    कार्तिक
    बैल पर (ईष्ट कार्य सिद्धि)
    Sunday, November 29, 2020
    शुक्ल चतुर्दशी
    कार्तिक
    भोजन (दुःख दायक)
    Monday, November 30, 2020
    पूर्णिमा
    कार्तिक
    श्मशान (मृत्यु तुल्य कष्टदायक)


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    (यदि आप स्वयं उपस्थित हो सकें तो अधिक उत्तम है ।
    यदि किसी कारण स्वयं उपस्थित न हो सके तो निम्नलिखित जानकारी दें ।)
    1, आपका पता - मकान न०, गली न०, मोहल्ला,शहर, ज़िला, राज्य आदि । (आपको प्रसाद इसी पते पर भिजवाया जाएगा)
    2, आपका गोत्र ।
    3, आपका नाम तथा आपके परिवार के अन्य सदस्यों के नाम ।
    4, आपका whatsapp नम्बर ।
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