ॐ आवाहयाम्यहम् देवीं योगिनीं परमेश्वरीम् ।
योगाभ्यासेन संतुष्टा परं ध्यानसमन्विता ।।
दिव्यकुण्डलसंकाशा दिव्यज्वाला त्रिलोचना ।
मूर्तिमतीह्यामूर्त्ता च उग्रा चैवोग्ररूपिणी ।।
अनेकभावसंयुक्ता संसारार्णवतारिणी
।।
यज्ञे कुर्वन्तु निविघ्नं श्रेयो यच्छ्न्तु मातरः ।।
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दिव्ययोगी – महायोगी – सिद्धयोगी गणेश्वरी ।
प्रेताशी डाकिनी काली कालरात्री निशाचरी ।।
हुङ्कारी सिद्ध् वेताली खर्परी भूतगामिनि ।।
उर्ध्वकेशी विरूपाक्षी शुष्कांगी मांसभोजिनी ।
फूत्कारी वीरभद्राक्षी धूम्राक्षी कलहप्रिया ।।
रक्ता च घोररक्ताक्षी विरूपाक्षी भयंकरी ।
चौरिका भारिका चण्डी वाराही मुण्डधारिणी ।।
भैरवी चक्रिणी क्रोधा दुर्मुखी प्रेतवासिनि ।
कालाक्षी मोहिनी चक्री कंकाली भुवनेश्वरी ।
कुण्डला तालकौमारी यमदूती करालिनि ।।
कौशिकी यक्षिणी यक्षी कौमारी यन्त्रवाहिनी ।।
दुर्घटा विकटा घोरा कपाला विषलन्घना ।
चतुःषष्टिः समाख्याता योगिन्यो हि वरप्रदाः ।।
त्रैलोक्यपूजिता नित्यं देवमानुषयोगिभिः ।।
ॐ चतुःषष्टियोगिनीभ्यो नमः ।।
हमारे ब्राह्मणों से पूजन हवन अनुष्ठान
रुद्राभिषेक इत्यादि स्वयं के लिए अथवा अपने प्रियजनों के लिए करवाने के लिए
निम्नलिखित जानकारी दें ।
(यदि आप स्वयं उपस्थित हो सकें तो अधिक उत्तम है ।
यदि किसी कारण स्वयं उपस्थित न हो सके
तो निम्नलिखित जानकारी दें ।)
1, आपका पता - मकान न०,
गली न०, मोहल्ला,शहर, ज़िला, राज्य
आदि । (आपको प्रसाद इसी पते पर भिजवाया जाएगा)
2, आपका गोत्र ।
3, आपका नाम तथा आपके परिवार के अन्य सदस्यों के नाम ।
4, आपका whatsapp नम्बर ।
5, आपकी जन्म कुंडली या जन्म समय, जन्म
तारीख, जन्म स्थान ।
6, आपकी फोटो ।
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