अमूमन देखा जाता है कि सभी लोग जन्म दिन के दिन को त्यौहार कि तरह मानते हैं लेकिन सबसे जरुरी काम जो उनको करना चाहिए वो नहीं करते हैं ।
जन्म दिन के दिन हमारी जन्म कुंडली के ग्रहों के प्रभाव में भी बड़ा बदलाव आता है । जिसको हम वर्षफल कि गणना करके जान सकते हैं ।
हमारे बुजुर्ग प्रायः जन्म दिन के दिन नवग्रह पूजन करके ही शुरुआत किया करते थे । सामर्थ्य अनुसार नवग्रह पूजन के साथ हवं भी किया जाता था ।
वर्षफल पूजन का अपना ही अलग महत्व है ।
जन्म दिन में किये गए पूजन से जिन अनिष्ट ग्रहों का हमे ज्ञान नहीं भी हो वे भी हमारे अनुकूल फल देते हैं ।
और जन्म दिन के दिन अपने हाथ से यथा शक्ति दान भी करना चाहिए ।
नवग्रह का पूजन व् हवन करने से हमारे ग्रह तो सही दिशा में आते ही हैं लेकिन साथ साथ हमारे संस्कार भी जीवित रहते हैं ।
हमारे बच्चों को हमारी संस्कृति से जुड़े रहने का अवसर मिलता है ।
घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है ।
दशा अन्तर्दशा या गोचर में कोई अनिष्ट ग्रह चल रहा हो तो उसका निवारण होता है ।
और परमात्मा के आशीर्वाद के साथ जन्मदिन सफल हो जाता है ।
हम तो अपने जन्मदिन को पूजन के बिना अधूरा ही मानते हैं ।
यदि आपका जन्म दिन आने वाला है तो अपने नज़दीकी वैदिक आचार्य जी से जन्म दिन पूजन अवश्य करायें ।
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