Saturday, May 21, 2016

अजपाजप

मानव शरीर अत्यंत महत्वपूर्ण और दुर्लभ है । यदि शास्त्र के अनुसार इसका उपयोग किया जाए तो मनुष्य ब्रह्म को प्राप्त कर सकता है । इसके लिए शास्त्रो मे बहुत से साधन बतलाए गए हैं । उनमे सबसे सुगम साधन है- ' अजपाजप  '  । इस साधन से पता चलता है कि जीव पर भगवान की कितनी असीम अनुकंपा है । ' अजपाजप ' का संकल्प कर लेने पर 24 घंटो मे एक क्षण भी  व्यर्थ नही हो पाता - चाहे हम जागते हो , स्वप्न मे हों या सुषुप्ती मे , प्रत्येक दशा मे   ' हंसः ' * का जप श्वाश क्रिया द्वारा अनायास होता ही रहता है । संकल्प कर देने भर से यह जप मनुष्य द्वारा किया हुआ माना जाता है ।


हंसः - अग्नि पुराण मे बताया गया है कि श्वाश-प्रश्वाश द्वारा ' हंसः ' , ' सो$हं ' के रूप मे शरीर स्थित ब्रह्म का ही उच्चारण होता रहता है । अतः तत्व वेत्ता इसे ही ' अजपाजप ' कहते हैं ।  


मेरे मित्र  समूह के सभी सदस्यों से निवेदन है कि वे इस बिना श्रम के ' अजपाजप का संकल्प जरूर लें ।

2 comments:

  1. यह संकल्प लेने के बाद शौच आदि में जाने पर पाप नहीं लगता??

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