Saturday, September 13, 2014

गण्डमूल


वैदिक ज्योतिष में २७ नक्षत्र माने जाते हैं



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नक्षत्र
स्ताथी
नक्षत्र स्वामी
पद 1
पद 4
पद 3
पद 4
1
अश्विनी
0 - 13°20' मेष
केतु
चु
चे
चो
ला
2
भरणी
13°20' - 26°40' मेष
शुक्र
ली
लू
ले
पो
3
कृत्तिका
26°40' मेष - 10°00' वृषभ
सूर्य
4
रोहिणी
10°00' - 23°20' वृषभ
चंद्र
वा
वी
वु
5
म्रृगशीर्षा
23°20' वृषभ - 6°40' मिथुन
मंगल
वे
वो
का
की
6
आर्द्रा
6°40' - 20°00' मिथुन
राहू
कु
7
पुनर्वसु
20°00' मिथुन- 3°20' कर्क
गुरु
के
को
हा
ही
8
पुष्य
3°20' - 16°20' कर्क
शनि
हु
हे
हो
9
आश्लेषा
16°40' कर्क- 0°00' सिंह
बुध
डी
डू
डे
डो
10
मघा
0°00' - 13°20' सिंह
केतु
मा
मी
मू
मे
11
पूर्वा फाल्गुनी
13°20' - 26°40' सिंह
शुक्र
नो
टा
टी
टू
12
उत्तर फाल्गुनी
26°40' सिंह- 10°00' कन्या
सूर्य
टे
टो
पा
पी
13
हस्त
10°00' - 23°20' कन्या
चंद्र
पू
14
चित्रा
23°20' कन्या- 6°40' तुला
मंगल
पे
पो
रा
री
15
स्वाति
6°40' - 20°00 तुला
राहू
रू
रे
रो
ता
16
विशाखा
20°00' तुला- 3°20' वृश्चिक
गुरु
ती
तू
ते
तो
17
अनुराधा
3°20' - 16°40' वृश्चिक
शनि
ना
नी
नू
ने
18
ज्येष्ठा
16°40' वृश्चिक - 0°00' धनु
बुध
नो
या
यी
यू
19
मूला
0°00' - 13°20' धनु
केतु
ये
यो
भा
भी
20
पूर्वाषाढ़ा
13°20' - 26°40' धनु
शुक्र
भू
धा
फा
ढा
21
उत्तराषाढ़ा
26°40' धनु- 10°00' मकर
सूर्य
भे
भो
जा
जी
22
श्रवण
10°00' - 23°20' मकर
चंद्र
खी
खू
खे
खो
23
धनष्ठा
23°20' मकर- 6°40' कुम्भ
मंगल
गा
गी
गु
गे
24
शतभिषा
6°40' - 20°00' कुम्भ
राहू
गो
सा
सी
सू
25
पूर्वाभाद्रपदा
20°00' कुम्भ - 3°20' मीन
गुरु
से
सो
दा
दी
26
उत्तराभाद्रपदा
3°20' - 16°40' मीन
शनि
दू
27
रेवती
16°40' - 30°00' मीन
बुध
दे
दो
ची

यदि 360° को 27 से विभाजित किया जाए तो एक नक्षत्र 13°20'(तेरह डिग्री बीस मिनट) का होता है, अर्थात एक राशी मे सवा-दो (2.25) नक्षत्र होते है |

जिन नक्षत्रो का स्वामी बुध या केतु हो उनको  गण्डमूल नक्षत्र कहते हैं |

अश्विनी, आश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा, मूल एवं रेवती ये ६ गण्डमूल नक्षत्र हैं |

गण्डमूल नक्षत्र में जन्म होने पर जातक को विशेष प्रकार से नक्षत्र शांति करनी आवश्यक है|

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