दुर्गा सप्तशती में देवी के ध्यान
खड्गं चक्र-गदेषु-चाप-परिघाञ्छूलं भुशुण्डीं
शिर:
शंखं संदधतीं करौस्त्रिनयनां सर्वाड्गभूषावृताम् ।
नीलाश्म-द्युतिमास्य-पाददशकां सेवे महाकालिकां
यामस्तौत्स्वपिते हरौ कमलजो हन्तुंमधुं कैटभम् ॥ १
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